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IP Address एक fundamental protocol है , जिसका use internet पर communication करने के लिए किया जाता है। इसकी full form Internet Protocol है। Network में यह device के लिए एक तरह से id की तरह work करता है , जिसका use करके internet पर devices एक दूसरे से communicate करती है।
Example :
Example के लिए जब आप mobile पर किसी friend या relative से बात करते हैं तो , आपको mobile number चाहिए होता है। जो एक दूसरे से बात करने के लिए एक address की तरह work करता है। इसी तरह से जब आप कोई order book करने के लिए घर का address देते हैं जो real world में एक physical Address है। हर घर का address unique होगा , नहीं तो information delivery में problem होगी।
ठीक इसी तरह से जब हम network की बात करते हैं , तो यहां devices एक दुसरे से virtually communicate करती हैं। communication करने के लिए obviously एक id /address की जरूरत होगी , जिसे IP Address कहते हैं।
अभी तक दो तरह की IP addresses , represent किया है -
IPv4
IPv6
IPv4 addresses , 32 bits (four bytes) के होते हैं जिन्हे 4 parts में divide किया जाता है जैसे 216.58.216.164, जो Google.com का front page है।
32-bit number की maximum value 2^32 होगी , जिसे calculate करने पर 4,294,967,296 आएगा। इसका मतलब है IPv4 के कुल 4.3 billion addresses हो सकते हैं , जिसे address space कहते हैं।
आज की population के according हालाँकि या number छोटा है , लेकिन 1980s में यह हर networking device के लिए काफी था क्योंकि उस time पर इतनी population नहीं थी। इसलिए IPv6 को use में लिया गया , क्योंकि हर device का IP Address , आपके mobile number की तरह unique ही होता है।
IPv4 को 5 classes में divide किया गया है, इन class में IP Address की range को define किया गया है।
Class A – 0 to 126
Class B – 128 to 191
Class C – 192 to 223
Class D – 224 to 239
Class E – 240 to 255
Class | Address Range | Description |
A | 1.0.0.1 to 126.255.255.254 | इसे large network के लिए use किया जाता है , यह IP 127 networks को support करती हैं और हर network में 16 million hosts को support करती हैं । |
B | 128.1.0.1 to 191.255.255.254 | यह 16,000 network में से हर network पर 65,000 hosts को support करता है। इसका use medium size network के लिए किया जाता है। |
C | 192.0.1.1 to 223.255.254.254 | इसका use local area network में किया जाता है। यह 2 millions network में से हर network पर 254 hosts को support करता है। |
D | 224.0.0.0 to 239.255.255.255 | यह multicast groups के लिए reserve रखा गया है। |
E | 240.0.0.0 to 254.255.255.254 | और इसे future use, research और development purposes के लिए रखा गया है। |
आपने notice किया होगा कि कही भी 127 mention नहीं है वो इसलिए क्योंकि 127.x.x.x range की सभी IPs को loopback या localhost के लिए रखा गया है , जैसे 127.0.0.1। और 255.255.255.255 Range का address सभी local network के लिए broadcast करता है।
इसे Internet protocol version 6 कहते हैं क्योंकि ये IPv4 का advance और upgraded version है। इसकी रेंज 0 से लेकर 65535 तक की होती है। इसमें 128 bits और 8 octet होती है। IPv6 की की maximum value 2^128 होगी और calculate करने पर आपको something 340 trillion मिलेगा। मतलब इससे 340 trillion IPs address generate किए जा सकते हैं।
IPv6 addresses को 8 groups में divide किया गया है जिसमे हर group में 4 hexadecimal digits होते हैं। यहां इसमें groups को dot की जगह colon से separate किया गया है।
for example, 2022:0db8:0000:0000:0000:8a2e:0370:7344 को 2022:db8::8a2e:370:7344 लिखा और use में लिया जाता है।
IPv4 | IPv6 |
Length : 32 bits | Length : 128 bits |
Total octet : 4 | Total octet : 4 |
Range : 0 - 255 | Range : 0 - 65535 |
Total IP Addresses : 4 billion | Total IP Addresses : 340 trillion |
Example : 132.164.11.36 | Example : 3FAB:1906:4345:2:400:L2FF:AE21:475 |
अपना IP Address जानने के दो तरीके हैं -
अगर आप computer / laptop use कर रहे हैं तो लिए simply अपना command prompt (CMD) open करें और ipconfig type करके enter करें , आपको अपना IP Address दिख जायगा।
दूसरा आप कोई भी browser open करके what is my ip search / my ip search करें , लगभग सभी search engines आपका IP Address बता देंगे।
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