What is DNS In Hindi ? DNS kya hai?

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Domain Name System

What is DNS ?

DNS का मतलब Domain Name System है , यह एक naming database जो domain name को IP address में translates करता है। आप कह सकते हैं Internet पर available पर जो domain name available हैं उन्हें IP address में change करता है। क्योंकि जैसा की आप जानते हैं network layer पर आपको identify करने के लिए और communication करने के लिए IP Addresses ही use किये जाते हैं।

जैसे कि अभी आप learnhindituts.com पर हैं , यह एक domain name हैं , लेकिन internally इस domain का एक IP address होगा। तो आप यह भी कह सकते हैं की IP Address का use करके किसी website को access कर सकते हैं ? जी हाँ आप कर सकते हैं , जैसे google.com domain का IP Address 216.58.204.132 है , तो अगर आप अपने browser में यही IP Address search करेंगे तो आपको Google का home page ही देखने को मिलेगा।

Actually, DNS एक directory lookup service है जहाँ सभी domain names को इसके corresponding IP address से map किया जाता है, और जब हम किसी domain name को browser में type करते हैं तो DNS server , उस domain name की IP address को अपनी directory में search करता है और वापस browser को send करता है।

Domain names को use करने का main reason था ताकि human इसे याद रख सकें। अभी ऊपर जो example आपने देखा कि 216.58.204.132 google.com का IP address है इसे याद रखना काफी मुश्किल है इसलिए हमने domain name को use में लिया। इसी तरह बाकी domain जैसे (Google, Youtube, Facebook etc.), हैं।

What is the need of DNS ?

जैसा कि आप पहले भी पढ़ चुकें हैं कि internet पर हर device को एक IP address की जरूरत होती है जिससे devices एक दुसरे को identify और communicate कर सकें क्योंकि IP addresses में network id और host id की information देता है जिसकी help से हम network और host को easily find कर सकते हैं।

Web browsers और बाकी mostly internet activities , connect और access करने के लिए DNS system पर rely / depend होती हैं। जब हम किसी website के name को browser में type करते हैं तो हमें उस website के IP address की जरूरत होती है , तभी हमारी device website के server के साथ communicate कर सकती है।

How DNS Works ?

  1. जब हम web browser में किसी website जैसे facebook.com search करते हैं तो browser को website को IP Address की जरूरत होती है , ताकि हमारा computer facebook webserver से communicate कर सके। क्योंकि IP addresses में , host id और network id की information होती है।

  2. अगर IP address हमारी machine के cache memory नहीं मिलती तो यह DNS resolver को query send करता है।

  3. अगर DNS resolver में भी IP address नहीं मिलती तो, resolver Root Name Server को query send करता है। और root name server resolver को .com Top-Level Domain (TLD) name server के पास request send कर देता है।

  4. अब resolver .com top-level domain (TLD) server से “facebook.com” की IP Address के बारे में query करता (पूछता) है। .com TLD server IP address की query receive करने के बाद, यह resolver को Authoritative Name Server के पास request redirect करता है।

  5. अब, resolver authoritative name server को “facebook.com” की IP address के बारे में पूछता है। और finally authoritative name server “facebook.com” की IP Address के साथ respond करता है।

  6. तब जाकर resolver , हमारे computer पर “facebook.com” को IP address के साथ return होता है , अब हमारा computer , facebook web server के साथ communicate और facebook web page को access कर सकता है।

DNS Resolver ?

DNS resolver , basically एक server ही है, जो हमारे Internet Service Provider (ISP) द्वारा provide किया जाता है। यह web browsers और दूसरे applications से DNS queries को receive करने के लिए design किया गया है। Actually यह web browsers द्वारा search किये गए किसी domain name की IP address को track down करने के लिए responsible है।

ताकि web browser , website के server के communicate कर सके। DNS resolver query को receive करने के बाद यह अपनी cache memory में domain की IP address को search करता है। और अगर DNS resolver में भी IP address नहीं मिलती तो, resolver Root Name Server को query send करता है।

Root Name Server ?

DNS Root servers , DNS hierarchy के root के top पर होते हैं। worldwide 380 root servers available हैं , जिन्हे 13 groups के sets में divided किया गया है। root servers के इन 13 groups को strategically पूरे world में रखा गया है और 12 different organizations द्वारा operate किये जाते हैं।

Root name servers , हमें किसी specific top-level domain server को ढूढ़ने में help करते हैं। Root servers में किसी website का कोई IP address नहीं होता है , लेकिन इनके पास सभी top-level domain servers का IP address होता है।

Top-Level Domain server?

Top-Level Domain server को TLD server भी कहते हैं। TLD servers , top-level domains (like- .com, .net, .org, .edu, etc) servers होते हैं , जो resolver server द्वारा send की गयी query को receive करते हैं। इस query को root server द्वारा send किया जाता है।

Authoritative Name server?

Authoritative Name Server , DNS resolver में last server है , जो requested website की actual IP address को store करता है। Authoritative server, DNS resolver से query receive करने के बाद requested website को IP address को resolver के return करता है।

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