What is Hub? and How Hub works?

Other Blogs

Image could not load

Hub Image by pixabay

hub एक physical layer networking device है जिसका use किसी network में multiple devices को connect करने के लिए किया जाता है। इसे network hub भी कहते हैं। Mostly hubs का use computers को LAN (Local Area Network) में devices connect करने के लिए किया जाता है। Normally यह Peer to Peer छोटे Home Network के लिए use किया जाता है।

यह एक physical layer (layer - 1) device है जो simply आने वाले सभी data (frames) को बाकी सभी ports पर broadcast करता है जिसका सीधा सा मतलब है कि अगर किसी hub में 8 ports (devices) connected हैं और उनमे से port 1 के लिए data send किया जाता है तो वो data बाकी सभी port के लिए भी transmit होगा। इसी nature की वजह से इसे Dumb Device भी कहते हैं।

Switch और Router की तरह यह कोई Intelligence device नहीं है , क्योंकि device की किसी भी तरह की information store करने के लिए इसके पास कोई memory नहीं होती है। इसीलिए जब network में किसी एक computer के लिए कोई data send किया जाता है तो यह network में जुड़े बाकी devices के लिए भी transmit करता है।

what hubs do?

Hubs का main purpose सभी network devices के बीच एक central connection की तरह work करना और data type को handle करना है जिसे frames कहते हैं। जब network में कोई frame किसी particular destination (port) के लिए send किया जाता है , तो frames को उस port तक पहचाने के लिए यह कोई रास्ता (way) decide नहीं करता है जिसकी वजह से hub में available सभी ports के लिए उस frame को transmit किया जाता है , चाहे वो frame हर port के लिए transmit किया गया हो या नहीं। इस process में network पर बहुत ज्यादा traffic generate होता है जिससे कभी कभी network damage हो जाता है। इसीलिए Hub की speed कम होती है।

Features of hub

  • Always Broadcast : Hub , हमेशा data (frame) को जुड़े हुए सभी devices के लिए broadcast करता है , चाहे वो frame किसी particular port के लिए ही क्यों न हो।

  • Half - duplex Communication : Hub , सिर्फ half duplex communication कर सकता है मतलब कोई किसी particular time पर कोई एक device ही data को send कर सकता है अगर बाकी computer को data send करना है तो , उन्हें wait करना पड़ेगा। और अगर same time पर data send किया तो दोनों computers से data collide / loss होगा।

  • Use Only Local Network : hub को , local network (LAN) में ही use किया जा सकता है यह कह सकते हैं कि छोटे department या घर पर use कर सकते हैं , large network में use use नहीं कर सकते हैं।

Types of hub

hub दो तरह के होते हैं -

  • Active hub

  • Passive hub

Active hub

Active hub वो hub होते हैं जिन्हे electricity (AC Power) की जरूरत होती है क्योंकि ये signal को generate करते हैं उन्हें powerful बनाते हैं और आगे send करते हैं , जिससे long distance communication हो सके। इनकी help से किसी network में communication distance को extend किया जाता है।

Passive hub

Passive hub simply किसी network को create करने के लिए use किये जाते हैं जो आने वाले किसी data frame को network में broadcast करते हैं। ये signals को amplify नहीं करते सिर्फ signal को receive करके transmit करते हैं।

Advantages of hub

  • network को extend करने के लिए signal को boost कर सकता है।

  • बाकी devices के मुकाबले यह सस्ता है।

  • यह कई network devices को support करता है।

  • hub device का use करके easily small network create कर सकते हैं।

Disadvantages of hub

  • network में send करते time best path को choose करने की ability नहीं है।

  • इसमें collision detect करने कोई mechanisms नहीं है , जिससे data frames कभी कभी lost हो जाते हैं।

  • यह full-duplex mode में operate नहीं होता है।

  • यह network traffic को कम नहीं करता है , उलटा बढ़ाता है। जितने ज्यादा devices (ports) उतना जयादा traffic.

  • data re-transmission जैसी कोई mechanism नहीं है , जिससे data send करते time अगर lost / destroy हुआ तो यह automatically उस data को transmit नहीं करता है।

  • यह MAC address को store नहीं करता है क्योंकि इसमें कोई memory नहीं होती है।

Difference between Hub And Switch

HubSwitch

Hub , हमेशा data (frame) को जुड़े हुए सभी devices के लिए broadcast करता है , चाहे वो frame किसी particular port के लिए ही क्यों न हो

यह network में हर device को identify करने के लिए सिर्फ first time message को broadcast करता , उसके बाद unicast ही करता है।

यह एक Dumb device है क्योंकि MAC और Port को table में maintain करने के लिए इसमें कोई memory नहीं होती है।

यह एक Intelligence device है क्योंकि यह connected devices के MAC और Port को table में maintain करता है।

यह half-duplex mode में operate होता है।

यह full-duplex mode में operate होता है। जिससे same time पर एक से ज्यादा devices को data send और receive कर सकता है।

इसमें collision detect करने कोई mechanisms नहीं है , जिससे data frames कभी कभी lost हो जाते हैं।

switch device किसी network में frame collision कम करता है क्योंकि switch के हर port का collision domain separate होता है।

Recent Blogs

Loading ...

Hey ! I'm Rahul founder of learnhindituts.com. Working in IT industry more than 4.5 years. I love to talk about programming as well as writing technical tutorials and blogs that can help to others .... keep learning :)

Get connected with me - LinkedIn Twitter Instagram Facebook

Your Thought ?

Please wait . . .

    0 Comment(s) found !